Saturday, June 21, 2008

स्पर्श - १

लहरों का उठना,
नाव का डगमगाना,
पतवार का छूटना,
कुछ भी नहीं होता -
पूर्वनियोजित ।
फिर भी मन सोचता है,
स्पर्श से पहले -
मन बहुत सोचता है...!!!!

1215pm Jan 01,2008. California

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