मेरा यकीं मेरे सच के सिवा कुछ नहीं..
तेरा यकीं मेरे इश्क के सिवा कुछ नहीं..!!!
वो मुखौटा जिसने दम तोड़ा मुझ में था
वो एक झूठ के सिवा कुछ नहीं..!!
मैं तो उठ चुका था गम-ए-दुनिया से लेकिन,
मेरी साँसे तेरी धड़कन के सिवा कुछ नहीं..!!
तेरे यकीं से फाजिल है जो उम्र-ए-खिज्र,
अब मुसलसल इबादत के सिवा कुछ नहीं...!!!
1200 Hrs 3rd jan 2008 Cal
Friday, June 20, 2008
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